हिन्दी चिट्ठों से उन चुने लेखों की लिस्टो को "कालजयी" नियमित रूप से उपलब्ध करवाता है जिनको इस चिट्ठे के संपादक कालजयी, सन्दर्भ के लिये उपयुक्त, या शाश्वत मूल्य के समझते हैं, या वे लेख जिनको बार बार पढने की जरूरत है या जो कल के चिट्ठकारों की नजर में भी आना चाहिये. विभिन्न विषयों के अंतर्गत विभिन्न लिस्ट नियमित रूप से प्रकाशित किये जायेंगे. इस लेख में "चिट्ठा चर्चा" के जूलाई से लेकर अगस्त 5, 2007 तक के लेखों की लिस्ट आपके लिये प्रस्तुत है. इन लेखों में कई कालजई हैं तो कई एतिहासिक महत्व के हैं जिन की मदद से कल हिन्दी चिट्ठों पर अनुसंधान में मदद मिलेगी.
रविवारी मूड और चर्चा
एवरी वन लव्स ए गुड चर्चा
पत्रकारिता का भटियारापन और वैज्ञानिक का भटकता मन
काव्यचर्चा बनाम चिट्ठाचर्चा ..
इस चीख की आवाज को दोस्तो, हम सभी को सुनना होगा...
12 comments:
kamal ke bloger hai aap bhee.... sadhuwaaad.
hi
I am already at wikipedia with a user name "Pundirs"
Jaroor likhunga bhai, jald hi aap wikipedia par upasthiti dekhenge.
good choice.
हरिराम जी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं आपको व आपके समस्त परिवार को...
सुनीता शानू
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की ढेरों शुभकामनाएं |
हिन्दी भाषा में उपलब्ध सूचनाओं व सेवाओं की जानकारी :
हिन्दी इन्टरनेट
एक बार अवश्य जांचें
Kaafi acha pryas hai yeh aapka. Kis aadhar par aur kaise sankalan karte hain aap?
मेरे ब्लाग पर आपके सवाल का जबाब:
क़ुरआन वह किताब है जो इंसानो के पालनहार ईश्वर की तरफ से सारी इंसानियत के मार्गदर्शन के लिये भेजी गई है. इसमे उन तमाम मूलभूत सवालों का जवाब है जो हर इंसान जानना चाहता है यानी यह की यह मनुष्य, सृष्टि, और जीवन क्या है?, जीवन से पहले क्या था और जीवन के बाद क्या है? इंसान की अपनी हैसियत इस सृष्टी मे क्या है?
जीवन की हर समस्या इंसान के सामने एक प्रश्न चिन्ह लगाती है और हर इंसान इस बात को अच्छी तरह समझता है की वोह अपनी समझ और शक्ति के एतबार से बहुत सीमित है इसलिये दूसरे के बारे मे तो क्या वोह अपने बारे मे भी कोई बात यक़ीन के साथ नही कह सकता है की उसके लिये क्या अच्छा है और क्या बुरा है? तो इससे बढी बेवक़ूफी क्या हो सकती है की वोह दूसरो का मर्ग दर्शन करने लगे?
इससे पता चलता है की इंसान किसी खुदाई (दिव्य) मार्गदर्शन का मोहताज है. खुदा ने यह दिव्य मार्गदर्शन अपने पैग़म्बरो के द्वारा हर समय मे भेजा है. और अब आखरी पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद के द्वारा क़ुरआन भेजा जो क़ुरआन है. यह सारे इंसानो के लिये कयामत (प्रलय) के दिन तक के आखिरी मार्ग दर्शन है.
बेशक अल्लाह से कुछ भी छुपा हुआ नहीं है, वह भी नही जिसे आज का तुच्छ मनुष्य जान कर इतरा रहा है और वह भी नही जो उसने अभी भी नही जाना और वह भी नही जो वोह कभी भी नही जान सकेगा, मगर चूंकी उसने इंसान को पैदा किया इसलिए वोह इस इंसान की सिमित बुद्धी और क्षमता को ध्यान मे रखते हुऐ अपनी किताब क़ुरआन मजीद और पैगम्बर की सुन्नत के ज़रिये इतनी ही जानकारी पहुँचाई जितनी इंसान के लिए ज़रूरी है और जिसे वोह आसानी से ग्रहण कर सके जो उसकी मूलभूत जरूरतों से जुडी हुई है.
रही विज्ञान और इंसान के फायदे के दूसरे विषय जिस से इंसान फायदे हासिल करता है तो उसके लिये सारे जीवो से बहतर बुद्धी प्रदान की है. अगर खुदा सारी बातें बताने लगता तो यह कभी ना खत्म होने वाली किताब बन जाती.
कुरआन का विषय है की इंसान का खुदा के साथ क्या सम्बन्ध है, खुद इंसान का अपने आप से क्या सम्बन्ध है और दूसरे के साथ उसका क्या समबन्ध है. यही वोह सवाल है जिसकी खोज मे हर इंसान है और जो इंसान अपने दिमाग से हल नही कर सकता है. अगर करेगा तो सारे स्रष्टी में त्राही-त्राही फैल जाऐगी जैसा की हम आज देख रहे है.
रहा इस बात का सवाल की खुदा बार-बार क्यो दोहराता है की 'वह सब जानता है' तो चूंकी अल्लाह ने इंसान की रचना की तो वोह बेहतर समझ सकता है की इंसान को अपनी बात समझाने के लिये कौन सा अन्दाज़ बेहतर हो सकता है. असल मे विचारविमर्श करने का मुद्दा यह नही है जो आप ने उठाया है. असल मुद्दा यह है की क़ुरआन अल्लाह (सारे मनुष्यों का इश्वर) की तरफ से भेजी हुई किताब है की नही? क्योकी अगर कोई यह समझ में आ जाऐ कि कुरआन इंसानो के इश्वर के तरफ से भेजी हुई किताब है तो आगे इस तरह के फिज़ूल सवालो की गुंजाइश नहीं रहती है. इसके लिऐ आप इस ब्लाग पर दिया गया मज़मून पडें और फिर चर्चा करे !!!
bhai hariramji, khamma ghani. aapro blog dekh'r harkh huyo. rajasthani me ghano kaam ho reyo h. aap niraas mat huo sa. mhare blog mathe padharo ar bancho. duja link bhi dekho.
-Satyanarayan Soni, parlika, hanumangarh, rajasthan.
www.aapnibhasha.blogspot.com
आपने बहुत सहीं बात बताया / पड़कर बहुत खुशी हुई / मे ये जानलेना चाहता हू कि, कौनसी टूल उसे करके आपने हिन्दी टाइप करते हे ? रीसेंट्ली मे यूज़र फ्रेंड्ली टाइपिंग टूल केलिए सर्च कर रहा ता, तो मूज़े मिला " क्विलपॅड ". ये तो 9 भाषा मे उपलाबद हे और इस मे तो रिच टेक्स्ट एडिटर भी हे / आप इसिक इस्तीमाल करते हे क्या...?
आपके सफल ब्लॉग के लिए साधुवाद!
हिंदी भाषा-विद एवं साहित्य-साधकों का ब्लॉग में स्वागत है.....
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